Sunday, 25 October 2015

मस्जिद से बेदखल औरत पर रश्मि बजाज की कविता 'एक अज़ान'

जोड़ोगे जब अपने साथ औरत की भी एक अज़ान
सच मानों तब ही तुमको फल पाएंगे रमज़ान कुरआन!

No comments:

Post a Comment