*ईदी*
दस्तरखान बिछा लाशों का
खून में सनी सिवईयां
ज़हर हो गये शीर-औ-खुरमा
लहूलुहान है अल्फा*
चांद से बरस रहे अंगारे
झुलसे मदीना-मक्का
मुझको मेरी ईद लौटा दे
कसम है तुझको अल्लाह
सोज़ मेरा फिर साज़ बना दे
ईदी ये दे मौला!ईदी ये दे मौला!
आमीन!
रश्मि बजाज
*ईद की चांद-रात
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